अभी सपने में हूँ मुझे सोने दो
अधूरे से मेरे सपने को पूरा होने दो
जागूँगा फिर मैं इक नए स्वप्न में
अभी स्वप्न मुझको बोने दो !!
अधूरे से मेरे सपने को पूरा होने दो
जागूँगा फिर मैं इक नए स्वप्न में
अभी स्वप्न मुझको बोने दो !!
भटक जाता हूँ हर मोड़ पर, अजनबी सी हैं ये गलियाँ l इक तो लीक नयी मेरी, उसपर अन्जान शहर तेरा l