जिंदगी के मजे नादानियों में हैं
धमा चौकड़ी , खेल खिलौने
और नानी की कहानियों में है
हूँ मैं मैं गंभीर और जिम्मेदार भी
सजग भी हूँ और तैयार भी
पर मन तो शैतानियों में है
जिंदगी के मजे नादानियों में हैं
जानता हूँ मैं वक्त की अहमियत को
मानता हूँ पाबंदियों को
पर दिल तो लापरवाहियों में है
जिंदगी के मजे नादानियों में हैं
ना करू गर नादानियाँ तो
जिंदगी के मायने क्या हैं
हर पल को जीना है मुझे
अगले पल न जाने क्या है
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