मेरी ज़ुबान
भटक जाता हूँ हर मोड़ पर, अजनबी सी हैं ये गलियाँ l इक तो लीक नयी मेरी, उसपर अन्जान शहर तेरा l
Monday, September 3, 2012
लफ़्ज़ों में जो कही बात
वो मेरे दिल से न आएगी
और जो मेरे दिल में है
वो कही ना जायेगी
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