मेरी ज़ुबान
भटक जाता हूँ हर मोड़ पर, अजनबी सी हैं ये गलियाँ l इक तो लीक नयी मेरी, उसपर अन्जान शहर तेरा l
Tuesday, April 10, 2018
हौसला
तू अपने दिल में हारने का भी हौसला रख
जीत शर्तिया हो तो कोई जांबाज़ नहीं बनता
ना कर तूफ़ान से थम जाने की गुजारिश
साहिल पे बैठे कोई सिंदबाद नहीं बनता
1 comment:
Unknown
April 24, 2018 at 11:31 PM
true
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
true
ReplyDelete