महज़ कहने को नहीं कहता
आजकल महसूस हूँ ये करता
ज़िन्दगी तुम बिन अधूरी है
तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
चाह कर भी खफा हो नहीं सकते
गर हुए खफा, चैन से सो नहीं सकते
हो जाऊं खफा तुमसे, लगे यूँ
की खुद से भी दूरी हैं
मेरी जाना तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
रोज़ नज़दीकियों के
ख़याल बुनता हूँ,
जो बातों में तुमने कहीं नहीं
वो सारी बात सुनता हूँ,
ये जो फासले हैं
इश्क़ की मज़बूरी हैं
पर मेरी जाना तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
आजकल महसूस हूँ ये करता
ज़िन्दगी तुम बिन अधूरी है
तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
चाह कर भी खफा हो नहीं सकते
गर हुए खफा, चैन से सो नहीं सकते
हो जाऊं खफा तुमसे, लगे यूँ
की खुद से भी दूरी हैं
मेरी जाना तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
रोज़ नज़दीकियों के
ख़याल बुनता हूँ,
जो बातों में तुमने कहीं नहीं
वो सारी बात सुनता हूँ,
ये जो फासले हैं
इश्क़ की मज़बूरी हैं
पर मेरी जाना तुम्हे प्यार करना ज़रूरी है
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