तू अपने दिल में हारने का भी हौसला रख
जीत शर्तिया हो तो कोई जांबाज़ नहीं बनता
ना कर तूफ़ान से थम जाने की गुजारिश
साहिल पे बैठे कोई सिंदबाद नहीं बनता
भटक जाता हूँ हर मोड़ पर, अजनबी सी हैं ये गलियाँ l इक तो लीक नयी मेरी, उसपर अन्जान शहर तेरा l