Wednesday, July 27, 2011

intezar

आज इंतज़ार है मुझे उस दिन का
उस घड़ी उस पल -छिन का 
जब आशाओं की कलियाँ 
सफलता के फूलो में 
परिणत हो जाएँगी 
जर्रे जर्रे में खुशबू ही बिखर जाएगी 
हाँ मेरी जिन्दगी हाँ !
मेरी मेहनत सफल हो जाएगी 
वो दिन वो रात वो सुबह वो शाम 
कभी तो आएगी .........

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