Tuesday, October 2, 2012

युवाओं के नाम

सो रहे हो नींद  में तो जाग  जाओ 
देश की खातिर कुछ तो काम  आओ 

कुछ सोंचो की समाज के जो सवाल हैं 
की तू ही तो उन सवालों का जवाब है 

कुछ करो की जरुरत है तुम्हारी 
देश भी  तुम्हारा , देश की मुश्किलें  भी तुम्हारी 

मैं ये नहीं कहता की तू   सेना का जवान  बने 
गांधी- नेहरु या नेता महान बने 

पर समझ की तेरी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं 
देश हित में तेरी भी हिस्सेदारियाँ  हैं 
देश हित में तेरी भी हिस्सेदारियाँ  हैं 

तो उठो जागो और कर्म  करो 
उठो जागो और कर्म  करो  !
 



  

2 comments:

  1. man sach mein bahut hi acchi poem likhi hai tune..aur usse accha tune freshers ke din isse sunaya...keep it up bro

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