Sunday, February 21, 2016

तलाश

जो हाथों में है आगोश में है
वो कहाँ दिल के पास है
और जो निगाहों में हैं जुनूँ में है
ना जाने क्या है जिसकी तलाश है

हर ठौर बढ़ती जा रही
हर कदम नयी सी प्यास है
हर शय किसी नयी मंज़िल का साया
फिर भी दिल उदास है

फासलों में नज़दीकियों को तरसते थे
पास आके दूरियों की तलाश है
अजीब है ये दस्तूर-ए -ज़िन्दगी भी
जो मिल गया फिर कहाँ वो ख़ास है

हर मंज़िल इक नयी मंज़िल का रास्ता है
मिलेगी औ बिसर भी जाओगे जिसकी आस है
सुकूं में बैठा हु आज तो लगता है
हमे इक नए दर्द की तलाश है 

2 comments:

  1. sabse umda lines .............जो मिल गया फिर कहाँ वो ख़ास है......wow,

    ReplyDelete